दवाओं की कीमत कम बनाए रखने के लिए मोदी सरकार की एक और पहल
सेहतराग टीम
केंद्र की वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में दवाओं की कीमत के मोर्चे पर मरीजों को कमोबेश राहत ही मिलती रही है। जहां दवा कंपनियों के अनाप-शनाप दाम बढ़ाने पर अंकुश लगा रहा वहीं सरकार ने सैकड़ों जरूरी दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाकर उनकी कीमत नहीं बढ़ने दी। इसके अलावा जनऔषधि केंद्रों के जरिये सस्ती जेनरिक दवाएं बेचने से भी लाखों लोग लाभान्वित हुए। अब सरकार ने इसी कड़ी में एक और फैसला लेते हुए सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी समिति के गठन का फैसला लिया है जो नियमित रूप से विचार विमर्श करके राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक को दवाओं तथा स्वास्थ्य उत्पादों की कीमतों के संदर्भ में सिफारिशें देगी।
औषधि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समिति के चेयरमैन नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) होंगे। आदेश में कहा गया है कि यह समिति राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) के लिए दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों की कीमतों के संदर्भ में सिफारिशें देने का काम करेगी।
आदेश में कहा गया है कि समिति किसी मामले की जांच या तो स्वत: संज्ञान लेते हुए करेगी या फिर औषधि विभाग, एनपीपीए और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सिफारिशों और आग्रह के आधार पर करेगी।
समिति के अन्य सदस्यों में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव, एनएलईएम के वाइस चेयरपर्सन, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक शामिल रहेंगे
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